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उपहार Uphar Short Story


रामप्रसाद की सच बोलने की आदत से ना केवल उसके घरवाले, बल्कि उसके रिश्तेदार भी बराबर के परेशान थे। लोगों की माने तो  रामप्रसाद का मानसिक संतुलन गडबडा गया था।

आज रामप्रसाद की शादी की सालगिरह थी। काफी सोच विचार के बाद रामप्रसाद ने पत्नी को  उपहार में पुस्तक देना तय किया। बाजार से  पुस्तक खरीद कर घर लौटते लौटते शाम घिर आई थी। रामप्रसाद ने घर में आते ही देखा की उसकी पत्नी फोन पर किसी से बात कर रही थी।

रामप्रसाद ने पत्नी को कहते सुना   "पापा, आपने किस "सच" के पीछे कर दिया है मुझे,..... मुझसे अब और नहीं सहा जाता........मुझे अभी लेने आ जाओ................।"

रामप्रसाद  ने पुस्तक मेज पर रखी और वापस बाजार की तरफ चल पड़ा।