लघु कथाएं
- शान्ति बाई
- आखिरी सलाह
- भगवान ने मेरे कान में एक बात कहीं
- अल्टीमेटली गाय तो हमारी माता है
- बिरजू जलैया
- दोस्त
- माँ
- सुना साहब आपने...............
- ईश्वर तुम्हारी ईमानदारी बरकरार रखे
- तुम्हारे पास क्या बचेगा........कुछ भी नहीं रामप्रसाद..........कुछ भीं नहीं.
- साली तो आधी घरवाली होती है
- माँ मैं जीना चाहती हूँ
- बेटे तू क्या यही देखने गया था
- इस्तीफा
- अनवर
- लकडियाँ रुपये=870/-
- दो एकम दो, दो दुनी चार
- प्राण घातक आत्मा राम का फ्ल्यू
- विधाता की लिखी कौन टाले
- वैसे तुम हो किस जात के
- मंदिर
- फिलहाल जांच चल रही है
- मैं पहले दिन से..........
- कोई नहीं..............
- हेलीकॉप्टर, पचास हजार और लाधु
- चार मरे कई घायल
- सच कहूँ तो मुझे तुमसे.......
- उपहार
- आस पास, पास पास, खास खास
- चाय का ढाबा और देश की दुर्दशा
- कुछ नहीं एक गांधी आया है
- बाकी तुम्हारी मर्जी
- तुमने एक दिन मेरी पत्नी की...
*** *** ***