-->

"बापू, मुझे भी बंटी जैसी साइकिल लाकर दो Baput Mujhe Bhi Banty Poem


लाधु पूरे दिन की हाड़तोड़ मजदूरी से जब घर लौटा तो उसके लड़के ने कहा "बापू आज मेरा जन्म दिन है......मैंने एक कविता लिखी है.......जरा सुनो........

"बापू, मुझे भी बंटी जैसी साइकिल लाकर दो,
वो हर बार, खुद चलाता है,
मुझसे तो बस धक्का लगवाता है,
देखो, मैं अब बड़ा हो गया हूँ,
धक्का लगाते लगाते,
साइकिल चलाना सीख गया हूँ,
पिछले साल भी आपने कहा था,
जरूर लाकर दूंगा, तेरा जन्म दिन तो आने दो,
बापू, मुझे भी बंटी जैसी साइकिल लाकर दो"