तेरा मुझसे साथ सदियों से Tera Mujhse Sath Sadiyo Se Poem
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तेरा मुझसे साथ सदियों से,
ये बंधन लगता कोई पुराना है।
एक दिन तुम भी शायद लौट आओ,
ये मेरा भरम लगता कोई पुराना है।
शायद हो, ये नासमझी का काम,
इस आग से परवाने का
रिश्ता लगता कोई पुराना है।
दिल भर आया तो छलक पड़ी बुँदे,
इन बूंदों का आखो से,
रिश्ता लगता कोई पुराना है।
बन जाती है नश्तर अक्सर,
यादों में रात भर जागने का,
मुझे शौक लगता कोई पुराना है।
अब रहने दो समझने समझाने की बातें,
बे गैरत रहने का,
मुझे रोग लगता कोई पुराना है।