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30.12.10

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"बदलने को आया ये दौर आज"























आप वक़्त के हम वक़्त से ही,
लिए जा रहा वक़्त, कहीं न कहीं। 

पाया क्या, क्या छीना वक़्त ने भी,
रहनी कसक, कहीं न कहीं। 

बेचैनी कैसी जीने में आपको ,
मार डालिए इंसानियत, कहीं न कहीं। 

बड़े एहसान थे नसीब के मुझ पर, 
चुकाए अश्कों ने, कहीं न कहीं। 

आरजू थी कुछ लम्हों की,
रही वक़्त की कमी, कहीं न कहीं। 

ज़माना समझ लेगा गम आपका,
टूट जायेगा भरम, कहीं न कहीं। 

क्या छुपा रहा है सैयाद आज हमसे,
राजदार नजरें, कहीं न कहीं। 

मौजे उठा करती दिल से इजहार को,
वक़्त बीतता यूं ही, कहीं न कहीं। 

हो चला एक अरसा दर दर भटकते,
माँग लीजिए जगह, कहीं न कहीं

बदलने को आया ये दौर आज,
उठ रहा धुआं, कहीं न कहीं। 

****





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मेरे बारे में...
रहने वाला : सीकर, राजस्थान, काम..बाबूगिरी.....बातें लिखता हूँ दिल की....ब्लॉग हैं कहानी घर और अरविन्द जांगिड कुछ ब्लॉग डिजाईन का काम आता है Mast Tips और Mast Blog Tips आप मुझसे यहाँ भी मिल सकते हैं Facebook या Twitter . कुछ और

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Comments
18 Comments
18 टिप्पणियां:
  1. सुन्दर अभिव्यक्ति..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं..

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर गजल!
    आपको नव वर्ष मंगलमय हो!

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर गजल!
    बेहतरीन अभिव्यक्ति...
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...

    जवाब देंहटाएं
  4. .

    इस भावुक कर देने वाली बेहतरीन रचना के लिए आभार। ये तो सच है की कोई कसक रह गयी कहीं न कहीं । फिर भी समय तो अपनी गति से आगे बढेगा ही ।

    आपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं।

    .

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर गजल! आभार.

    अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
    तय हो सफ़र इस नए बरस का
    प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
    सुवासित हो हर पल जीवन का
    मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
    करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
    शांति उल्लास की
    आप पर और आपके प्रियजनो पर.

    आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर,
    डोरोथी.

    जवाब देंहटाएं

  6. सुन्दर गजल के साथ,
    नव वर्ष का आगाज
    नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं

    चुड़ैल से सामना-भुतहा रेस्ट हाउस और सन् 2010 की विदाई

    जवाब देंहटाएं
  7. विचारों से ओत-प्रोत सुन्दर रचना!
    नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  8. सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः।
    सर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
    सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े .

    नव - वर्ष 2011 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

    -- अशोक बजाज , ग्राम चौपाल

    जवाब देंहटाएं
  9. नये साल के उपलक्ष्य मे बेहतरीन रचना
    आपको नव वर्ष की हृार्दिक शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  10. नए साल का सुन्दर आगाज़.
    हार्दिक शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  11. नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें!

    पल पल करके दिन बीता दिन दिन करके साल।
    नया साल लाए खुशी सबको करे निहाल॥

    जवाब देंहटाएं
  12. बेहतरीन गजल! आप सब के लिये नव वर्ष मंगलमय हो !

    जवाब देंहटाएं

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