होली का त्यौहार आपके जीवन में नए रंग लेकर आये, आपको अपनों का प्यार मिले, ऐसी मेरी ईश्वर से कामना हैं। इस पावन पर्व पर आपको अग्रिम शुभकामनाएं ।
बचपन में भोलापन बोलता था,
हजार बार तो कहाँ सोचता था।
चेहरों पर यूँ ही एक भरोसा था,
उन्हें हरवक्त तो नहीं तौलता था।
वो रूठ जाया करता था अक्सर,
लेकिन दोस्ती तो नहीं तोड़ता था।
बेपरवाही जिंदगी में थी शामिल,
हकीकत को ख़्वाबों में घोलता था।
आज चंद यादें सीने में सजाये है जो,
कभी वो बड़ी बेखबरी से गुजरता था।
आँखे उस वक्त भी होती थी कभी नम,
फिर भी जीने में कुछ तो हौसला था।
"सच" आज ठहरा वक्त सोचता है,
कभी वो भी आँगन में खेलता था।
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मन के भाव पूरी तरह से अभिव्यक्त हुए हैं ..जीवन का शुरूआती दौर भी क्या दौर होता है ..एक अलवेला दौर ...आपने उसे बड़ी खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है ..आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावमयी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .....
जवाब देंहटाएंखूबसूरती से अभिव्यक्त किया है भावमयी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
जवाब देंहटाएंबहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
बहुत ही अच्छी गजल है...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंसभी शेर बेहतरीन हैं।
वह रूठ जाया तो करता था .............क्या बात है इसे कहते है अहसास, मुबारक हो .....
जवाब देंहटाएंBeautiful creation . Wish you all a wonderful and colourful Holi.
जवाब देंहटाएंबहुत दमदार है ग़ज़ल ... लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंवक्त बहुत कुछ बदल देता। सुन्दर गज़ल। बधाई।
जवाब देंहटाएंअच्छी, भावपूर्ण अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंवो रूठ जाया करता था अक्सर , दोस्ती नहीं तोड़ता था ...बचपन का यही गुण लाजवाब होता था ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति !
बहुत ही सुन्दर भावमयी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसारे मन भेद भुला के,एक मन हो जाएँ!
कबूल करें होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!
प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंआपका होली के अवसर पर विशेष ध्यानाकर्षण हेतु.....
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देश को नेता लोग करते हैं प्यार बहुत?
अथवा वे वाक़ई, हैं रंगे सियार बहुत?
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होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
बचपन में भोलापन बोलता था,
जवाब देंहटाएंहजार बार तो कहाँ सोचता था।
ग़ज़ल का हर शेर लाजवाब है ! शुक्रिया !
होली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएं'सच आज ठहरा वख्त सोचता है
जवाब देंहटाएंकभी वो भी आँगन में खेलता था |'
सुन्दर कोमल भाव सहज अभिव्यक्त हो रहे हैं अरविन्द जी !
रंग पर्व होली की हार्दिक बधाई स्वीकारें ..