शिकायत तुझसे अब रही तो नहीं,
तेरी लकीर हाथों से गुजरी तो नहीं।

तेरे नाम के दो आंसू तो संभाले हूँ,
आज मेरे घर कोई कमी तो नहीं।

आँखों में है तेरे भी ये घुटन कैसी,
कुछ तो है बात जो कही तो नहीं।

"सच" कैसे पहचाने कोई नसीब को,
चेहरों की उसके यहाँ कमी तो नहीं।







तेरे नाम के दो आंसू तो संभाले हूँ,
जवाब देंहटाएंआज मेरे घर कोई कमी तो नहीं।
Bahut Sunder
Very Nice
जवाब देंहटाएंतेरे नाम के दो आंसू तो संभाले हूँ,
जवाब देंहटाएंआज मेरे घर कोई कमी तो नहीं।
लाज़वाब...
behad khubsurat ...
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत....मन प्रसन्न हो गया
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंतेरे बिना जिन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं.
जवाब देंहटाएंsundar geet hae bdhai
जवाब देंहटाएंआँखों में है तेरे भी ये घुटन कैसी,
जवाब देंहटाएंकुछ तो है बात जो कही तो नहीं।
....बहुत सुंदर...रचना के भाव दिल को छू जाते हैं...
आँखों में है तेरे भी ये घुटन कैसी,
जवाब देंहटाएंकुछ तो है बात जो कही तो नहीं ..
बहुत खूब .. कमाल का शेर है ये ... भाव उतर जाते हैं दिल में ...