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सितोपलादि चूर्ण उपयोग फायदे घटक Sitopladi Churn Ke Fayde

सितोपलादि चूर्ण उपयोग फायदे घटक Sitopladi Churn Ke Fayde

सितोपलादि चूर्ण उपयोग फायदे घटक Sitopladi Churn Ke Fayde

सितोपलादि चूर्ण एक पारम्परिक आयुर्वेदिक ओषधि है जो सभी प्रकार की खांसी के लिए उपयोगी होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के साथ ही यह चूर्ण सूखी खांसी, सर्दी खांसी, दमा, आदि विकारों में उपयोगी होता है।
 
सितोपलादि चूर्ण उपयोग फायदे घटक Sitopladi Churn Ke Fayde

 

सितोपलादि चूर्ण क्या है ?

यह पाउडर रूप में एक आयुर्वेदिक ओषधि है जो की प्रधान रूप से ठण्ड, सर्दी खांसी, कफ दूर करने के लिए उपयोग में ली जाती  है. यह चूर्ण सितोपला, पिप्पली, वंशलोचन, इला, त्वक, और मिश्री आदि से तैयार किया जाता है। यह चूर्ण सितोपला, पिप्पली, वंशलोचन, इला, त्वक, और मिश्री आदि से तैयार किया जाता है।
 
सितोपलादि चूर्ण के घटक
  • Sitopala – Sugar candy powder – 16 parts
  • Vamshalochana (Inner white light part of bamboo tree) – 8 parts
  • Pippali (long pepper) – 4 parts
  • Ela (Cardamom) – 2 parts
  • Twak (Cinnamon) – 1 part.
  • सितोपला
  • पिप्पली
  • वंशलोचन
  • इला
  • त्वक
  • मिश्री

सितोपलादि चूर्ण बनाने का तरीका

(सितोपलादि चूर्ण)
सितोपला षोडश स्यादष्टौ स्याद्वेशरोचना ॥ १३४ ॥
पिप्पली स्याच्चतुष्कर्षा स्यादेला च द्विकार्षिकी ।
एक: कर्षस्त्वच: कार्यश्रू्णयेत्सर्वमेकत: ॥ १३५ ॥
सितोपलादिकं चूर्ण मधुसर्पिय्तं लिहेत्‌ ।
श्वासकासक्षयहरं हस्तपादाड़दाहजित्‌ ॥ १३६ ॥
मन्दारनिं सुप्तजिह्नत्वं पार्श्शूलमरोचकम्‌ ।
ज्वरमूध्वगतं रकत्तं पित्तमाशु व्यपोहति ॥ १३७ ॥
शार्ड्धरसंहिता मध्यमखण्ड 
 
सितोपलादि चूर्ण बनाने के लिए आप सितोपाल - मिश्री पाउडर - 16 भाग, वंशलोचन (बांस के पेड़ का आंतरिक सफेद प्रकाश भाग) - 8 भाग, पिप्पली (लंबी काली मिर्च) - 4 भाग, इला (इलायची) - 2 भाग, त्वक (दालचीनी) - 1 भाग, को महीन पीस कर अच्छे से मिला लें और एक हवाबंद डिब्बे में स्टोर करें।
 

सितोपलादि चूर्ण के फायदे Sitopladi Churna Benefits

सितोपलादि चूर्ण के कई लाभ होते हैं जो की प्रधान रूप से स्वशन तंत्र को मजबूत करने से सम्बंधित हैं। आइये इस विषय में विस्तार से जान लेते हैं।

स्वशन तंत्र को मजबूत करने में सहायक

सितोपलादि चूर्ण स्वशन तंत्र को मजबूत करता है और स्वांस नली में जमा कफ को बाहर निकालता है। शहद के साथ इसे चाटने पर यह गले के संक्रमण को दूर करता है और गले की खरांस को दूर करने में लाभकारी है। सितोपलादि चूर्ण खांसी और जुकाम को दूर करने के लिए उपयोगी  है। 

अस्थमा में फायदेमंद है

सितोपलादि चूर्ण स्वशन तंत्र को मजबूत करता है। इस चूर्ण के सेवन से सांस नलियों की सूजन, इंफेक्शन और बलगम कम होता है। 

ब्रोंकाइटिस में मददगार है

सितोपलादि चूर्ण छाती में कंजेशन को कम करता है और कफ को ढीला करके शरीर से बाहर निकालने में उपयोगी है। यह चूर्ण साइनस और नाक बहने को रोकने में बहुत लाभकारी है। 

सर्दी खांसी में लाभकारी है

सर्दियों में अक्सर गीली खांसी या सुखी खांसी हो जाती है और ऐसे में कफ फेफड़ों में जमने लगता है। इस चूर्ण के सेवन से कफ दूर होता है क्योंकि इस चूर्ण में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। 

सितोपलादि चूर्ण के अन्य फायदे/लाभ

  • सितोपलादि चूर्ण से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है, इसके सेवन से शरीर में आयरन की कमी दूर होती है। 
  • सितोपलादि चूर्ण दीपन होता है जिसके सेवन से भूख की वृद्धि होती है। 
  • सितोपलादि चूर्ण एंटी-इंफ्लेमेटरी और एक्सपेक्टोरेंट गुण होते हैं। 
  • ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, एलर्जी आदि में गुणकारी होता है। 
  • इस चूर्ण के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। सितोपलादि चूर्ण इम्यूनिटी को बढ़ाकर रोगों से लड़ने की शांति में इजाफ़ा करता है।  
  • सितोपलादि चूर्ण में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण यह खांसी को कम करने में लाभकारी है। 
  • सितोपलादि चूर्ण टौंसलाइटिस में लाभकारी होता है।
 

सितोपलादि चूर्ण की खुराक Sitopaladi Churna Dosage

दो से तीन ग्राम चूर्ण को आप गर्म पानी के साथ भोजन से पूर्व लें। यदि गले में खरांस है, कफ है तो इसे मधु/शहद के साथ मिला कर धीरे धीरे चाटना चाहिए। कई बार सुबह उठते ही छींक आने लगती हैं या किसी तरह की एलर्जी होने की स्थिति में यह चूर्ण बहुत लाभकारी है।

सितोपलादि चूर्ण के दुष्प्रभाव Side effects of Sitopaladi Churna

सितोपलादि चूर्ण के सामान्य रूप से कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं फिर भी आप इस चूर्ण को लेने से पूर्व वैद्य/चिकित्सक की सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लें। छोटे बच्चों को इसे सावधानी के साथ दिया जाना चाहिए और इस बाबत वैद्य से सलाह पूर्व ही प्राप्त कर लेना हितकर होता है।