दोस्त Dost Short Story Hindi
वीर सिंह और रामप्रसाद की मित्रता काफी घनिष्ठ थी। एक रोज वीर सिंह की माँ गंभीर रूप से बीमार हो गई, तुरंत गाँव से शहर लाया गया।
अस्पताल में डॉक्टर साहब ने आते ही पचास हजार रुपए की मांग रख दी। बिना पैसे हाथ भी लगाने से मना कर दिया।
वीर सिंह अपने जानकारों को फोन करने अस्पताल के बाहर पीसीओ तक आया तो रामप्रसाद को अपनी ओर आता पाया।
रामप्रसाद ने कहा "तुमने बताया नहीं की तुम्हारी माँ बीमार है ? मैं कुछ पैसे लेकर आया हूँ...........आजकल के डॉक्टर बिना पैसे बात भी नहीं करते चाहे मरीज दम ही क्यों ना तोड़ दे........।"
वीर सिंह से कहा "लेकिन............।"
रामप्रसाद ने बीच में ही वीर सिंह को टोकते हुये कहा "सच्चा दोस्त वही होता है जो अपने दोस्त को विपरीत परिस्थितियों में देखकर खुद ही मदद का हाथ बढ़ा दे........दोस्त के मदद मांगने पर पर मदद देना तो याचना भाव होता है.....दोस्ती नहीं।"
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