लाधु पूरे दिन की हाड़तोड़ मजदूरी से जब घर लौटा तो उसके लड़के ने कहा "बापू आज मेरा जन्म दिन है......मैंने एक कविता लिखी है.......जरा सुनो........
"बापू, मुझे भी बंटी जैसी साइकिल लाकर दो,
वो हर बार, खुद चलाता है,
मुझसे तो बस धक्का लगवाता है,
देखो, मैं अब बड़ा हो गया हूँ,
धक्का लगाते लगाते,
साइकिल चलाना सीख गया हूँ,
पिछले साल भी आपने कहा था,
जरूर लाकर दूंगा, तेरा जन्म दिन तो आने दो,
बापू, मुझे भी बंटी जैसी साइकिल लाकर दो"







painful...yet truth of life
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना लगी आपकी !
जवाब देंहटाएंमजबूर हालात!!
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना ( आज दिल फिर कुछ पूछना चाहता है ) 02-11-2010 मंगलवार को ली गयी है ...
जवाब देंहटाएंकृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया