मुख्यपृष्ठ शब्दवाणी पाखण्ड छोड़, असल भक्ति ले अपनाय लाग्य रे बाण म्हारे दुनिया मतलब की मुखड़ा क्या देखे दर्पण में बिना नीवन कुण् तिरिया *** *** ***