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काश बीता वक्त लौट आए Kash Beeta Waqt Lout Aaye Poem Lyrics



देखे हैं जमाने के रंग यूँ,
की बदरंग हो लौट आए।

मुलाक़ात उनसे क्या हुई,
लगा खुद से मिल आए।

शायद हमसे टूट नहीं पाया,
जो भरम आप तोड़ आए।

छोड़े कैसे दामन यादों का,
जिनके सहारे जीते आए।

कैसे करूँ तारीफ उसकी,
लफ़्ज भी कम पड़ते आए।

उठती हैं आज दिल में मौजे,
काश बीता वक्त लौट आए।