इक रोज ये नीरस जिंदगी बीत जायेगी Ek Roj Ye Jivan Poem Lyrics
इक रोज ये नीरस जिंदगी बीत जायेगी,
सूनी रातों की तन्हा चाँदनी रीत जायेगी।
सूनी रातों की तन्हा चाँदनी रीत जायेगी।
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कोई बात न कर उसकी बेवफाई की यहाँ,
है वो मेरी कहानी साथ मेरे बीत जायेगी।
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इक दिल ही तो था टूट कर बिखर गया,
जोड़ने में इसको उमर सारी बीत जायेगी।
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लगता है आज वो गरीबी मेरे नसीब की,
दुश्मनी नसीब की देखूं कहाँ बीत जायेगी।
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इक दिल ही तो था टूट कर बिखर गया,
जोड़ने में इसको उमर सारी बीत जायेगी।
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लगता है आज वो गरीबी मेरे नसीब की,
दुश्मनी नसीब की देखूं कहाँ बीत जायेगी।
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"सच" पिघल जाएगा पत्थर दिल इक रोज,
हाँ तासीर-ऐ-अश्क इक रोज जीत जायेगी।
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निवेदन है की कहानी घर पर
पधार कर अपनी अमूल्य राय से अवगत करवाएं। कहानी घर का लिंक इमेज में दिया गया है-आभार ।

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पधार कर अपनी अमूल्य राय से अवगत करवाएं। कहानी घर का लिंक इमेज में दिया गया है-आभार ।

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