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आज आईने में खुद को न देख Aaj Aaiye Me Khud Ko Na Dekh Lyrics



आज आईने में  खुद को न देख,
जिंदगी को आईने से भी न देख।

रहने  दे उसको वक्त में ही छिपा,
बेवजह परदों को हटाकर न देख।

वही  कुछ चेहरे हैं जाने पहचाने,
इनको यूँ आजमाकर तो न देख।

है  फासला कितना तेरा मुझसे,
परछाइयों  को मिटाकर न देख।


क्या खो गया था तेरा उस शहर में,
हाथों की लकीरों पर निशां न देख।

अब भी टूटे दिल में है कोई रहता,
दिल के टुकड़ों  में ढूंढकर  न देख।

"सच" ये जिंदगी भी है जाने कैसी,
हैं जो कुछ भरम तोड़कर न देख।