ये देश किसका है ? Ye Desh Kiska Hai Lekh Hindi
राजस्थान की एक कहावत है "साँठा (गन्ना) कोनी दे....डली (गुड की डली) दे दे" मतलब की मूर्ख व्यक्ति से गन्ना मांगने मना कर देगा जबकि कई गन्नो के रस से तैयार हुये गुड की डली दे देगा।
क्या हम भी ऐसे ही तो नहीं है ? जब किसी के खेत, मकान या किसी प्रकार की निजी संपत्ति पर कब्जा या अतिक्रमण हो जाने पर अपने हक के लिए विरोध जताएगा, जरूरत पड़ने पर कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाने से परहेज नहीं करेगा। इसमे कौनसी बुरी बात है, सब करते हैं। भई.....अपने हक के लिए लड़ना तो सही ही है।
फिर जब कोई भ्रस्टाचारी खुले आम लूट खसोट मचाता है, दूसरों की खून पसीने की कमाई को हड़पता है, किसी का जीवन ही खा जाता है, तो हम चुप क्यो हो जाते है। आखिरकार भ्रस्टाचार, बेईमानी का घूम फिर कर असर किस पर पड़ने वाला है? ये दीमक किसको खोखला किये जा रही है ?
घूंसखोरी से लगा कोई अयोग्य व्यक्ति क्या उस बाप के दुःख को बाँट पायेगा जिसने खेत बेच के अपने लड़के को पढ़ाया, लिखाया, संस्कार दिए..................क्या सिर्फ सड़कों पर फिरने को ?
"हमें क्या लेना इन फालतू के झमेलों से"
अगर हमें इन फालतू के झमेलों से कुछ नहीं लेना देना हैं तो बस एक सवाल -
" ये देश किसका है ?"