-->

अश्वगंधादि चूर्ण के फायदे उपयोग और सेवन विधि Ashwagandhadi Churna Benefits Ingredients Doses

अश्वगंधादि चूर्ण के फायदे उपयोग और सेवन विधि Ashwagandhadi Churna Benefits Ingredients Doses

अश्वगंधादि चूर्ण के फायदे उपयोग और सेवन विधि Ashwagandhadi Churna Benefits Ingredients Doses

अश्वगंधादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक ओषधि है जो अश्वगंधा के साथ अन्य ओषधियों के साथ बनाई जाती है। अश्वगंधादि चूर्ण शारीरिक कमजोरी दूर करने, पाचन को दुरुस्त करने, मानसिक अवसाद को दूर करने, पुरुष शक्ति की वृद्धि में सहायक है इम्युनिटी बढ़ाने, आदि में सहायक होती है। 
 
अश्वगंधादि चूर्ण के फायदे उपयोग और सेवन विधि Ashwagandhadi Churna Benefits Ingredients Doses

अश्वगंधादि चूर्ण क्या है ?

जैसा की आपने जाना की अश्वगंधादि चूर्ण एक पाउडर फॉर्म में ओषधि है जिसका प्रधान घटक अश्वगंधा है। इसका प्रधान उपयोग पुरुष शक्ति को बढ़ाने, शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए किया जाता है। 

अश्वगंधादि चूर्ण के घटक Key Ingredients of Ashwagandhadi Churna

  • अश्वगंधा Ashwagandha (Withania somnifera)
  • वृद्धदारु/विधारा Vidhara (Argyreia speciosa)

अश्वगंधादि चूर्ण के फायदे और उपयोग

अश्वगंधादि चूर्ण के निम्न प्रकार से लाभ/फायदे होते हैं।
  • अश्वगंधादि चूर्ण के सेवन से यौन शक्ति में वृद्धि होती है। यह ओषधि कामोत्तेजक होती है और हारमोंस संतुलन के साथ फर्टिलिटी बढ़ाती है।
  • शारीरिक रूप से मेहनत करने वाले, जिम / बाडी बिल्डिंग करने वाले व्यक्तियों के लिए यह ओषधि उत्तम है।
  • यह ओषधि सूजन रोधी, एंटी ऑक्सीडेंट, तनाव रोधी होती है।
  • इस ओषधि के सेवन से वजन को बढ़ाया जा सकता है।
  • यह ओषधि त्रिदोष नाशक होती है।
  • यह चूर्ण रोगी को ताकत बढ़ाने में भी मदद करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करने में भी उपयोगी है।
  • मांशपेशियों की थकावट, शारीरिक कमजोरी को दूर करने में यह ओषधि बहुत गुणकारी होती है। 
  • बिमारी से आई कमजोरी को दूर करने के लिए यह चूर्ण कारगर है। 
  • चिंता और अवसाद को दूर करने में सहायक।
  • अनिद्रा को दूर कर प्राकृतिक रूप से शारीर को आराम देती है, यह ओषधि।
  • आर्थराइटिस विकार में यह उपयोगी है क्योंकि यह सुजन दूर करती है।
  • यह चूर्ण प्रतिरक्षा वर्धक होता है। शारीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है।

अश्वगंधादि चूर्ण की खुराक Ashwagandhadi Churna Dosage

एक से दो चम्मच अश्वगंधादि चूर्ण को भोजन से पूर्व गुनगुने पानी के साथ लिया जाना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए चिकित्सक से राय लें।

अशगंधाधि चूर्ण के साइड इफेक्ट्स Side Effects and Precautions of Ashwagandhadi Churna

  • इस ओषधि का उपयोग चिकित्सक की सलाह के उपरान्त ही लिया जाना चाहिए।
  • गर्भावस्था और स्तनपान की अवस्था में चिकित्सक के परामर्श के बिना इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • छोटे बच्चों को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। 
  • इस ओषधि को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए और नमी मुक्त स्टोर करना चाहिए।
आइये अब इस ओषधि के प्रधान घटक के विषय में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

अश्वगंधा (Withania somnifera)

अश्वगंधा या असगंध की भारत में दो प्रजातियां पाई जाती हैं। आयुर्वेद में इसका उपयोग अनेकों ओषधियों में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार यह बलवर्धक, सूजन दूर करने वाली, त्रिदोष नाशक, पुरुष शक्ति वर्धक, निंद्रा वर्धक और पोषक होती है। यही कारण है की इसे भारतीय जिंसेंग भी कहा जाता है। आयुर्वेद में अशवगंधा को मेध्य रसायन कहा गया है जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करती है। मानसिक थकान दूर करने, यादास्त बढ़ाने में भी अश्वगंधा उपयोगी होती है। अश्वगंधा जीणोद्धारक औषधि मानी जाती है। अश्वगंधा से तैयार की जाने वाली ओषधियाँ
  • अश्वगंधारिष्ट
  • अश्वगंधाघृत
  • अश्वगंधा चूर्ण
  • अश्वगंधा अवलेह
  • सौभाग्य शुन्ठी पाक
  • सुकुमारघृत
  • महारास्नादि योग
अतः अश्वगंधा जीवन शक्ति को बढ़ाने वाली और रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि करती है।

विधारा Vidhara

विधारा का वानस्पतिक नाम  Argyreia nervosa है और इसे अंग्रेजी में Elephant Creeper कहते हैं। यह एक बेल होती है। विधारा शक्ति वर्धर्क और कफ तथा वात को शांत करने वाली होती है। यह शारीरिक और यौन कमजोरी को दूर करती है। विधारा का उपयोग जोड़ों का दर्द, गठिया, बवासीर, सूजन, डायबिटीज, खाँसी, पेट के कीड़े, सिफलिश, एनीमिया, मिरगी, मैनिया, दर्द आदि में गुणकारी माना जाता है। आयुर्वेद में इसे रसायन कहा गया है जो धातुओं को पुष्ट करने में गुणकारी होती है। विधारा को समन्दर-का-पाटा, समुद्रशोष, घावपत्ता आदि नामों से जाना जाता है। विधारा स्वाद में कटु (कड़वा) होता है। यह सुपाच्य होता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होता है। पेट दर्द और बवासीर में भी यह गुणकारी होती है।