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"कुछ नहीं एक गांधी आया है" Kuch Nahi Ek Gandhi Hindi Short Story

रामप्रसाद पिछले तीन महीनों से बिजली विभाग के चक्कर लगा रहा था, कारण था उसके घर के ऊपर से गुजर रहे बिजली के तार। रामप्रसाद को सदा ही डर लगा रहता की कहीं कोई इन झूलते तारों से चिपक ना जाये। इसी कारण उसने छत के दरवाजे को ताला जड़ रखा था।

रामप्रसाद दुबारा जब बिजली विभाग पहुँचा तो उसे बाबू जी कहा "तुम्हें कितनी बार समझाया है की बिना लिए दिये तुम्हारा काम नहीं बनने वाला, अब जाओ यहाँ से....जब आते हो नियम कायदों की बात करने लगते हो....... ।"  

रामप्रसाद भी आज पूरी तैयारी के साथ आया था, उसने बड़े साहब से बात करके ही घर जाना था। बाबू जी को गुस्सा चढ़ आया , गुस्से में ज़ोर ज़ोर से रामप्रसाद को अनाप शनाप बोले जा रहे थे।

शोर शराबा सुन कर बड़े साहब के चपरासी ने पूछा "बड़े साहब पूछ रहे हैं, इतना शोर शराबा क्यों हो रहा है, आपको अंदर बुलाया है।"

बाबू जी ने जवाब दिया   "कुछ नहीं एक गांधी आया है, पहले इससे निपट लू, फिर आता हूँ।"