शौक जीने का रखता है आदमी,
रोज जीने को मरता है आदमी।
कोशिश तो खुदा को समझने की,
खुद को समझता नहीं है आदमी।
खुदा जाने कैसा रंग है चेहरों का,
हर बार जो बदलता है आदमी।
रोज बोलने की आदत रही नहीं,
अब कभी कभी बोलता है आदमी।
शायद वक्त ने छीना जीने का बहाना,
फिर ख़ाक में कुछ ढूंढता है आदमी।
"सच" जानता है टूटना इक दिन,
फिर भी भरम रखता है आदमी।
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बिल्कुल सही मनोभाव उकेरे हैं .... भरम में ही जीता है इन्सान.....
जवाब देंहटाएंkya baat he
जवाब देंहटाएंbahut hi nayab
बहुत ख़ूबसूरत..हर पंक्ति लाज़वाब..
जवाब देंहटाएंयही फितरत है आदमी की..
जवाब देंहटाएंइंसानी फितरत की बेहतरीन तस्वीर पेश की आपने।
जवाब देंहटाएंinsan ki poori fitrat ki tasveer utar di hai apne
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति लाज़वाब..
जवाब देंहटाएंप्रेमदिवस की शुभकामनाये !
बहुत सुंदर ...आज के दिन आपको मेरी प्यार भरी शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंखुद इतने रंग बदलेगा तो क्या ख़ाक समझेगा खुद कों ?
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय अभिव्यक्ति
behad sundar abhivyakti... badltaa aadmi...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
जवाब देंहटाएंumda sher...achchhi gazal.
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही है सर जी। इंसान की फितरत ही कुछ ऐसी होती है खुद को समझ पाता नहीं और उपर वाले को समझने की कोशिश करता है। बेहतरीन रचना।
जवाब देंहटाएंBehtreen rachna k liye aapka abhaar
जवाब देंहटाएंबहुत khoob ... लाजवाब ग़ज़ल कही है ... insaan के aski रंग dikha diye हैं ..
जवाब देंहटाएंबहुत khoob ... लाजवाब ग़ज़ल कही है ... insaan के aski रंग dikha diye हैं ..
जवाब देंहटाएंकोशिश तो खुदा को समझने की,
जवाब देंहटाएंखुद को समझता नहीं है आदमी !
बहुत ही गहराई लिए हुए खूबसूरत शेर है !
पूरी ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद कबूल करें
खूबसूरत गजल। एक और हकीकत देखें http://rajey.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंअरविन्द जांगिड जी! बहुत सही कहा आप ने
जवाब देंहटाएंकोशिश तो खुदा को समझने की,
खुद को नहीं समझता है आदमी !
आज आवश्यकता है , आम इंसान को ज्ञान की,
श्रेष्ठ कविता के लिए बधाई
भ्रम में जीना भी अच्छा , सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंएक आदमी कई-कई चेहरे रखता है, इस तथ्य का खूबसूरत चित्रण है आपकी ग़ज़ल में।
जवाब देंहटाएंबढ़िया ग़ज़ल।
शुभकामनाएं।
beautiful combination of words.
जवाब देंहटाएंआदत.......मुस्कुराने पर
जवाब देंहटाएंलड़की की दास्तान............संजय भास्कर
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
.......अरविन्द जी!