गिलोय के फायदे उपयोग सेवन विधि Giloy Ke Fayde Upyog Nuksan
गिलोय के फायदे उपयोग Giloy Ke Fayde Upyog
गिलोय (Tinospora Cordifolia) जिसे अमृता कहा गया है के बारे में हम सभी जानते हैं, आज के इस लेख में हम आपको गिलोय के सेवन से होने वाले कई फायदों के बारे में जानकारी देंगे। आपको बता दें की गिलोय को को टीनोस्पोरा कोर्डिफोलिया के नाम से भी पहचाना जाता है। गिलोय का उपयोग प्राचीन काल से ही घरेलू चिकित्सा और आयुर्वेद में किया जाता रहा है। लेकिन वर्तमान समय में गिलोय के प्रति जागरूगता अवश्य ही बढ़ी है। गिलोय की एक बेल होती है और यदि बात इसकी पहचान की की जाय तो इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे ही दिखाई देते हैं। आप इसके औषधीय गुणों के अतरिक्त इसे सजावटी रूप में भी बागीचे में लगा सकते हैं। गिलोय को गुडूची (Guduchi), अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है।
गिलोय से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व
- गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड: गिलोय का सबसे महत्वपूर्ण सक्रिय यौगिक है गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड। इस तत्व के कारण से ही गिलोय एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-कैंसर और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों से युक्त होती है।
- गिलोय में टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड भी होते हैं जिसके कारण से गिलोय पोषक तत्वों से भी युक्त होती है।
- गिलोय में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक,कैल्शियम और मैगनीज आदि पोषक तत्व भी होते हैं।
- आपको बता दें की गिलोय में गिलोइन, पामेरिन, टीनोस्पोरिन, टीनोस्पोरिक एसिड, आयरन, फासफोरस, कॉपर, कैल्सियम, जिंक आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।
अतः गिलोय का सेवन करना आपके लिए लाभकारी होता है। उल्लेखनीय है की सभी पोषक तत्व क्या हमारे लिए गुणकारी होते हैं, नहीं ऐसा नहीं है। गिलोय के सेवन से पूर्व आपको इस बाबत अपने चिकित्स्क से सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लेनी चाहिए।
गिलोय के सेवन में सावधानियां Giloy Ke Sevan Me Savdhaniya
इन लोगों को गिलोय का सेवन करने से पूर्व चिकित्सक से सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लेनी चाहिए -
- गर्भवती महिलाओं को अपने मन से गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सर्जरी के समय गिलोय का उपयोग करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
- यदि किसी भी व्यक्ति को पेट सम्बन्धी विकार हों तो अवश्य ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- अपच विकार में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
गिलोय के सेवन से फायदे/लाभ
गिलोय के सेवन से कई लाभ होते हैं, अतः गिलोय के सेवन के लिए आप चिकित्स्क की सलाह उपरान्त आप भी इसका सेवन कर सकते हैं।इम्यून सिस्टम बूस्टर है गिलोय
NCBI के शोध के अनुसार गिलोय के सेवन से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है। गिलोय के जूस इम्यून इफेक्टर सेल्स को बूस्ट करने के गुण भी होते हैं। गिलोय इम्युनिटी को बढ़ाकर कई रोगों से व्यक्ति को दूर रखती है।गिलोय का सेवन कैसे करें (How to take Giloy)
सर्वप्रथम गिलोय के सेवन से पूर्व वैद्य की सलाह ले लेनी चाहिए और इसके उपरांत आप गिलोय का सत, गिलोय घनवटी, गिलोय स्वरस/ज्यूस गिलोय चूर्ण का उपयोग आप कर सकते हैं। आप ताज़ी गिलोय की पत्तियों को साफ़ करके भी चबा सकते हैं।कब्ज दूर करने और पाचन में सहायक
National Library Of Medicine के एक शोध के अनुसार गिलोय के सेवन से व्यक्ति के पाचन में सुधार होता है। यह पाचन को दुरुस्त करने में सहायक होता है। इसके लिए आप गिलोय स्वरस का उपयोग कर सकते हैं।मुखपाक / मुंह के छालों में उपयोगी है गिलोय
गिलोय के सेवन से मुंह के छालों में आराम मिलता है। मुंह के छालों के लिए आप इसके ताजे पत्तों को मुंह में चबा सकते हैं।आँखों के विकारों में लाभकारी है गिलोय Benefits of Giloy to Cure Eye Disease
आखों के विकारों में भी गिलोय बहुत गुणकारी होती है। गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व आखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। आखों की सुजन, आखों का दुखना, मोतियाबिंद आदि विकारों में गिलोय के सेवन से लाभ मिलता है। त्रिफला के साथ गिलोय को लेने से अधिक लाभ मिलता है।डेंगू विकार दूर करने में सहायक Giloy benefits for dengue
डेंगू विकार में चिकित्सक की सलाह के उपरान्त ताजा गिलोय के पत्तों के रस का सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके लिए आप ताजा नीम गिलोय के पत्तों को तोड़कर उनको चबा सकते हैं या फिर उनका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं जो डेंगू में विशेष रूप से लाभकारी होता है।डायबिटीज विकार में गुणकारी Giloy benefits for diabetes
टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में गिलोय के क्वाथ का उपयोग लाभकारी होता है। इसके लिए आप चिकित्सक की सलाह के उपरान्त गिलोय स्वरस और गिलोय चूर्ण का उपयोग गुणकारी होता है।तनाव और थकान को कम करने में सहायक
गिलोय में एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जिससे तनाव और थकान कम होती है। गिलोय के सेवन से हारमोंस का लेवल नियंत्रित होता है और गिलोय के सेवन से तनाव और थकान भी कम होता है।त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
गिलोय के सेवन से त्वचा विकातों में भी लाभ मिलता है. गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो व्यक्ति को कई प्रकार के रोगों से मुक्त रखते हैं। गिलोय के पोषक तत्वों के कारण यह एजिंग के प्रभाव को भी कम करने में सहायक होता है।सूजन कम करने में सहायक है गिलोय
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सुजन के प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं। इसके लिए आप गिलोय घनवटी और स्वरस का उपयोग कर सकते हैं।गिलोय के अन्य फायदे / उपयोग
- गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके कानों में डालने से कानों की गन्दगी दूर होती है।
- स्वाशारी क्वाथ के साथ गिलोय का क्वाथ मिला कर लेने से खांसी और काफ में सुधार होता है।
- गिलोय के काढ़े से कब्ज दूर होता है, मल ढीला होकर आसानी से शरीर से बाहर निकल जाता है।
- बवासीर के विकार में भी गिलोय लाभकारी होती है।
- मूत्र विकारों में भी गिलोय के सेवन से लाभ मिलता है।
- NCBI की एक स्टडी के अनुसार बुखार विकार में भी गिलोय क्वाथ लाभकारी होता है।
- एनीमिया विकार में महिलाओं को गिलोय के स्वरस का उपयोग करना चाहिए।
- गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण होने के कारण इसका उपयोग गठिया विकार में लाभकारी होता है।
गिलोय स्वरस से पीलिया विकार में लाभ मिलता है। - गिलोय या गुडूची (Guduchi) में ऐसे एंटीपायरेटिक गुण होने कारण जीर्ण बुखार को दूर करने में सहयक होती है।
- गिलोय का काढ़ा खांसी में लाभकारी होता है।
Source
- Tinospora cordifolia: One plant, many roles
- Tinospora Cordifolia (Giloy)–Induced Liver Injury During the COVID‐19 Pandemic—Multicenter Nationwide Study From India
- Tinospora Cordifolia (Giloy) and Autoimmune-like Liver Injury – A Classic Case of Primum Non Nocere, “First, Do No Harm”
- Potential Medicinal Plants for the Treatment of Dengue Fever and Severe Acute Respiratory Syndrome-Coronavirus
- Immune-Stimulatory and Therapeutic Activity of Tinospora cordifolia: Double-Edged Sword against Salmonellosis