मुख्यपृष्ठ Poem मेरी कब्र पे आना जरूर Meri Kabra Pe Aana Jarur Poem Hindi 0 min read टूट जाते हैं सितारे एक रोज,हाँ खुदा को भी है यही मंजूर। बिकते हैं इंसान भी यहाँ तो,है बाजार का कुछ यही दस्तूर। तुम जानते नहीं आज मुझको,रहा होगा कोई मेरा ही कसूर। तुम साथ तो मेरे चल ना सके,कभी मेरी कब्र पे आना जरूर।