टूटे दिल कहाँ जुड़ पाते हैं Tute Dil Kaha Jud Pate Hain Poem
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दिलों की धड़कन,
ज़िंदगी की दास्तान है,
मिले जब दो दिल,
ज़िंदगी होती आसान है,
जोड़ जोड़ कोई देखता रहे ताउम्र,
टूटे दिल कहाँ जुड़ पाते हैं,
***
जीना ज़िंदादिली का नाम
खुशनुमा चेहरों की तलाश है
हँसते चेहरे की होती पहचान ,
मायूस हुआ हर चेहरा गुमनाम है,
वक़्त ने किए वीरान जो चेहरे,
वो फिर कहाँ मुस्कुरा पाते हैं,
***
घुटने लगा जो मन,
बरसना चाहता है,
कहकर भी जो ना कह पाये,
आज कहना चाहता है,
कहने को हैं बाते हजार,
वक़्त रहते कहाँ कह पाते हैं,
***
हमसफर हो तो सफर आसान,
दूरियाँ नज़दीकियाँ लगे,
चले जो किसी के साथ मिलकर,
यादें सफर की सुहानी लगे,
बीच सफर दामन छूटा जिनसे
वो कहाँ लौट के आते हैं,
***
बयां करते हैं आँसू,
हर एक जख्म को,
खामोश करते आँसू,
हर एक सवाल को,
आँखों से जो छलक पड़े जो आँसू,
वो कहाँ रोके रुक पाते हैं
***