- दर्द ए दिल का यूँ इजहार न कर
- कभी वो बड़ी बेखबरी से गुजरता था
- साथ अँधेरों का निभाना बहुत था
- कोई धुआं फिर दिल चीर कर निकला
- फिर भी भरम रखता है आदमी
- मेरे नाम से उनकी बेवफाई रहने दो
- भर आया मेरा दिल गजल होकर
- सच जबां पर फिसला उसके हर बार
- बात उनकी नहीं, है वक्त की
- कैसे रखे परिंदा कोई उड़ान के हौंसले
- कौन फिर मेरे ख्वाबों में रोज आता है
- खामोश जिंदगी खामोशी से कटती नहीं
- टूटे ख़्वाबों को कतार में सजा के देख
- जब तलक गर्मी है साथ खून से
- किसका चेहरा चमका हुआ
- सोचते हैं थी वो आग भी कैसी
- लिपटी हैं तन पर आपकी यादें चाशनी होकर
- दाना चिड़ियों को मयस्सर
- काश बीता वक्त लौट आये
- हैरत नहीं अब बरसने में
- बुजुर्गों को फिर आँगन में बुला के देखिए
- बहुत जी चुके खुद की खातिर
- बदलने को आया ये दौर
- नज़रों में जब आपकी
- कोई जात जहाँ काम आती नहीं
- इस दौर में भी जिन्दा लगता हूँ
गजल


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