- आज आईने में खुद को न् देख
- इक रोज ये नीरस जिंदगी बीत जायेगी
- जन्दगी है न् जाने किस भरम के सहारे
- कोई जोर नहीं जिनका उन्हें लिखता देखिए
- एक रोज जाग जायेंगे सोये देवता
- सरकारी सांड चर गया...सरकारी सांड चर गया
- मेरी कब्र पे आना जरुर
- लाल बत्ती हूँ, साईकिल वाला नहीं
- ये हम कहाँ चले
- गांधी जी बाहर निकल आये
- ये सूरज रोज सुबह
- रंग बदलते हैं चेहरे भी यहाँ
- शायद कुछ पेड ही बच जाएँ
- तेरे इस बेजान बाबू की नौकरी
- लगता है जो खामोश
- उसे इकरार ए वफ़ा का नाम दो
- देखो बादल आएँ हैं
- ख़ाक होकर भी जो आपकी यादे
- नसीब
- तेरा मुझसे साथ सदियों से
- कभी जब
- कल फिर उनका सपना आया था
- रोते रोते ना जाने वो कब सो जाती है
- वक्त ने छीना तुमको मुझसे
- बापू मुझे भी बनती जैसी साईकिल
- आज फिर दिल कुछ पूछना चाहता है
- टूटे दिल कहाँ जुड पातें हैं
- चलो बटोर लूँ
- आज मैं भी कुछ
- आस पास दोस्ताना
- कब तक चुप रहेगा तू भाई हमारा
कविताएं


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